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शादी की तैयारियों में व्यस्त थे परिजन, उधर दरोगा बेटी ने उठाया खौफनाक कदम, डोली की जगह घर से उठी अर्थी

 

शादी की तैयारियों में व्यस्त थे परिजन, उधर दरोगा बेटी ने उठाया खौफनाक कदम, डोली की जगह घर से उठी अर्थी



मेरठ-उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में अनूपशहर कोतवाली में तैनात महिला दरोगा ने आत्महत्या कर मौत को गले लगाया तो हर कोई स्तब्ध रह गया। महिला दरोगा आरजू के शव को जब पैतृक गांव भैंसवाल में लाया गया तो हर कोई यही कह रहा था कि आखिर ऐसी कौन सी मुश्किल आ पड़ी थी कि दूसरों को हिम्मत देने वाली होनहार बेटी आत्महत्या करने को विवश हो गई।



महिला दरोगा के परिजन शव को देखकर बिलख रहे थे। उन्हें क्या मालूम था कि जिस घर से वह बेटी की डोली विदा करने की तैयारियां कर रहे थे उस घर से बेटी की अर्थी विदा करनी पड़ेगी।

शामली के गढ़ीपुख्ता थानाक्षेत्र के गांव भैंसवाल निवासी कृष्णपाल पंवार की बेटी आरजू पंवार करीब ढाई साल से जिला बुलंदशहर की अनूपशहर कोतवाली में तैनात थीं। शुक्रवार शाम को महिला दरोगा ने अपने आवास पर आत्महत्या कर ली थी।



शनिवार को आरजू का शव पैतृक गांव भैंसवाल लाया गया। परिजन शव से लिपटकर बिलख उठे। महिला दरोगा की मृत्यु होने से गांव में शोक छाया हुआ है। गमगीन माहौल में मृतक दरोगा का अंतिम संस्कार किया गया। ग्रामीणों ने गांव की बेटी की अचानक मृत्यु पर दुख व्यक्त किया है।

बताया गया कि  नए साल के दौरान महिला दरोगा अपने आवास पर ही थी। यहां सुबह के समय उनका शव एक दुपट्टे के सहारे पंखे से लटका मिला। साल के पहले दिन बेटी की मौत की खबर से परिजनों में कोहराम मच गया। शनिवार को शव को शामली लाया गया । जहां मृतक दरोगा का अंतिम संस्कार किया गया।


उधर, गांव भैंसवाल निवासी महिला दरोगा आरजू पंवार की मृत्यु की जानकारी मिलने पर गढ़ीपुख्ता थाना प्रभारी महावीर प्रसाद और आदर्श मंडी थानाध्यक्ष संदीप बालिया पुलिसकर्मियों के साथ उनके आवास पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति जनपद पुलिस की तरफ से सहानुभूति व्यक्त करते हुए ढांढस बंधाया।

चार भाई-बहनों में सबसे छोटी और परिवार की लाड़ली थी आरजू

ग्रामीणों के मुताबिक आरजू चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। उसकी बड़ी बहन सोनिया और दो भाई सोनू और मनीष है। सोनू दुबई में इंजीनियर है और मनीष सेना में है। आरजू 2015 में पुलिस विभाग में भर्ती हुई थीं और वर्तमान में बुलंदशहर में अनूपशहर कोतवाली में दरोगा के पद पर तैनात थी।


ग्रामीणों का कहना है कि साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली आरजू व्यवहार कुशल, मिलनसार और अपने काम के प्रति लगनशील थी। महिला दरोगा के आत्महत्या करने पर हर कोई हैरान है।

शादी की चल रही थीं तैयारियां

आरजू की अगले महीने फरवरी माह में शादी तय थी। इसे लेकर घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। परिजनों ने तो कभी ये सोचा भी नहीं होगा कि वे जिसकी शादी की तैयारी कर रहे हैं उसकी डोली के बजाए उसकी अर्थी उन्हें घर से विदा करनी होगी। उनकी लाड़ली बेटी उन्हें इस तरह छोड़कर चली जाएगी।



मेरठ-उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में अनूपशहर कोतवाली में तैनात महिला दरोगा ने आत्महत्या कर मौत को गले लगाया तो हर कोई स्तब्ध रह गया। महिला दरोगा आरजू के शव को जब पैतृक गांव भैंसवाल में लाया गया तो हर कोई यही कह रहा था कि आखिर ऐसी कौन सी मुश्किल आ पड़ी थी कि दूसरों को हिम्मत देने वाली होनहार बेटी आत्महत्या करने को विवश हो गई।



महिला दरोगा के परिजन शव को देखकर बिलख रहे थे। उन्हें क्या मालूम था कि जिस घर से वह बेटी की डोली विदा करने की तैयारियां कर रहे थे उस घर से बेटी की अर्थी विदा करनी पड़ेगी।

शामली के गढ़ीपुख्ता थानाक्षेत्र के गांव भैंसवाल निवासी कृष्णपाल पंवार की बेटी आरजू पंवार करीब ढाई साल से जिला बुलंदशहर की अनूपशहर कोतवाली में तैनात थीं। शुक्रवार शाम को महिला दरोगा ने अपने आवास पर आत्महत्या कर ली थी।



शनिवार को आरजू का शव पैतृक गांव भैंसवाल लाया गया। परिजन शव से लिपटकर बिलख उठे। महिला दरोगा की मृत्यु होने से गांव में शोक छाया हुआ है। गमगीन माहौल में मृतक दरोगा का अंतिम संस्कार किया गया। ग्रामीणों ने गांव की बेटी की अचानक मृत्यु पर दुख व्यक्त किया है।

बताया गया कि  नए साल के दौरान महिला दरोगा अपने आवास पर ही थी। यहां सुबह के समय उनका शव एक दुपट्टे के सहारे पंखे से लटका मिला। साल के पहले दिन बेटी की मौत की खबर से परिजनों में कोहराम मच गया। शनिवार को शव को शामली लाया गया । जहां मृतक दरोगा का अंतिम संस्कार किया गया।


उधर, गांव भैंसवाल निवासी महिला दरोगा आरजू पंवार की मृत्यु की जानकारी मिलने पर गढ़ीपुख्ता थाना प्रभारी महावीर प्रसाद और आदर्श मंडी थानाध्यक्ष संदीप बालिया पुलिसकर्मियों के साथ उनके आवास पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति जनपद पुलिस की तरफ से सहानुभूति व्यक्त करते हुए ढांढस बंधाया।

चार भाई-बहनों में सबसे छोटी और परिवार की लाड़ली थी आरजू

ग्रामीणों के मुताबिक आरजू चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। उसकी बड़ी बहन सोनिया और दो भाई सोनू और मनीष है। सोनू दुबई में इंजीनियर है और मनीष सेना में है। आरजू 2015 में पुलिस विभाग में भर्ती हुई थीं और वर्तमान में बुलंदशहर में अनूपशहर कोतवाली में दरोगा के पद पर तैनात थी।


ग्रामीणों का कहना है कि साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली आरजू व्यवहार कुशल, मिलनसार और अपने काम के प्रति लगनशील थी। महिला दरोगा के आत्महत्या करने पर हर कोई हैरान है।

शादी की चल रही थीं तैयारियां

आरजू की अगले महीने फरवरी माह में शादी तय थी। इसे लेकर घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। परिजनों ने तो कभी ये सोचा भी नहीं होगा कि वे जिसकी शादी की तैयारी कर रहे हैं उसकी डोली के बजाए उसकी अर्थी उन्हें घर से विदा करनी होगी। उनकी लाड़ली बेटी उन्हें इस तरह छोड़कर चली जाएगी।

शादी की तैयारियों में व्यस्त थे परिजन, उधर दरोगा बेटी ने उठाया खौफनाक कदम, डोली की जगह घर से उठी अर्थी Reviewed by Hindustan News 18 on January 03, 2021 Rating: 5

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