तिगरी में दीपदान को उमड़ा आस्था का सैलाब, जाम
तिगरी में दीपदान को उमड़ा आस्था का सैलाब, जाम
गजरौला : वही हुआ, जिसका अंदेशा था। दीपदान के दिन श्रद्धालुओं का सैलाब ही उमड़ पड़ा। ऐसा सैलाब जिसने गजरौला कस्बे से लेकर करीब 10 किमी दूर तिगरी धाम तक वाहनों के पहिए ही थाम दिए। बाइक व कार इत्यादि वाहनों का ऐसा रैला उमड़ा कि दस किमी के सफर को तय करने में आधे घंटे से लेकर चालीस मिनट तक लग गए। वापसी में और अधिक दिक्कतों से श्रद्धालुओं को जूझना पड़ा।
हालांकि इस बार तिगरीधाम में कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला मेला कोविड 19 के कारण नहीं लगा है। मात्र दीपदान के लिए कुछ घंटे की मोहलत शासन प्रशासन की ओर से दी गई। इसमें भी स्नान व मुंडन संस्कार पर पाबंदी होने का ही प्रचार प्रचार प्रशासन के द्वारा कराया जा रहा था। इसके बावजूद तिगरीधाम में शनिवार की आधी रात के बाद से श्रद्धालु मेले की तरह ही उमड़ना शुरू हो गए। सुबह होने पर यह संख्या और बढ़ गई। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद पूरा गंगा तट श्रद्धालुओं से अट गया। इतना ही नहीं दोपहर में दीपदान को श्रद्धालुओं का सैलाब मेले की तरह उमड़ा तो तिगरीधाम से लेकर गजरौला कस्बे तक की सड़कें बौनी पड़ गईं। सड़क, चौराहे, रेलवे फाटक सब जाम की गिरफ्त में आ गए। दस मिनट के रास्ते को मशक्कत कर बाइक सवार आधे-पौन घंटे में पार कर पा रहे थे। हालांकि चार पहिया वाहनों को इससे दो गुना समय लग रहा था। यह हाल तब था, जब सड़कों पर पुलिस लगा रखी थी, लेकिन मुस्तैद कम, बैठी हुई मोबाइल चलाती ज्यादा नजर आ रही थी।
एएसपी समेत कई अधिकारियों के वाहन फंसे में
गजरौला : जाम सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए ही नहीं था, इसका स्वाद अधिकारी भी चख रहे थे। अपर पुलिस अधीक्षक अजय प्रताप सिंह, एसडीएम संजय बंसल के वाहन भी तिगरी जाते समय गजरौला-तिगरी के बीच लगे जाम में फंसे नजर आए। कई और उत्तर प्रदेश शासन लिखे वाहन भी जाम में फंसे नजर आ रहे थे।
गजरौला : वही हुआ, जिसका अंदेशा था। दीपदान के दिन श्रद्धालुओं का सैलाब ही उमड़ पड़ा। ऐसा सैलाब जिसने गजरौला कस्बे से लेकर करीब 10 किमी दूर तिगरी धाम तक वाहनों के पहिए ही थाम दिए। बाइक व कार इत्यादि वाहनों का ऐसा रैला उमड़ा कि दस किमी के सफर को तय करने में आधे घंटे से लेकर चालीस मिनट तक लग गए। वापसी में और अधिक दिक्कतों से श्रद्धालुओं को जूझना पड़ा।
हालांकि इस बार तिगरीधाम में कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला मेला कोविड 19 के कारण नहीं लगा है। मात्र दीपदान के लिए कुछ घंटे की मोहलत शासन प्रशासन की ओर से दी गई। इसमें भी स्नान व मुंडन संस्कार पर पाबंदी होने का ही प्रचार प्रचार प्रशासन के द्वारा कराया जा रहा था। इसके बावजूद तिगरीधाम में शनिवार की आधी रात के बाद से श्रद्धालु मेले की तरह ही उमड़ना शुरू हो गए। सुबह होने पर यह संख्या और बढ़ गई। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद पूरा गंगा तट श्रद्धालुओं से अट गया। इतना ही नहीं दोपहर में दीपदान को श्रद्धालुओं का सैलाब मेले की तरह उमड़ा तो तिगरीधाम से लेकर गजरौला कस्बे तक की सड़कें बौनी पड़ गईं। सड़क, चौराहे, रेलवे फाटक सब जाम की गिरफ्त में आ गए। दस मिनट के रास्ते को मशक्कत कर बाइक सवार आधे-पौन घंटे में पार कर पा रहे थे। हालांकि चार पहिया वाहनों को इससे दो गुना समय लग रहा था। यह हाल तब था, जब सड़कों पर पुलिस लगा रखी थी, लेकिन मुस्तैद कम, बैठी हुई मोबाइल चलाती ज्यादा नजर आ रही थी।
एएसपी समेत कई अधिकारियों के वाहन फंसे में
गजरौला : जाम सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए ही नहीं था, इसका स्वाद अधिकारी भी चख रहे थे। अपर पुलिस अधीक्षक अजय प्रताप सिंह, एसडीएम संजय बंसल के वाहन भी तिगरी जाते समय गजरौला-तिगरी के बीच लगे जाम में फंसे नजर आए। कई और उत्तर प्रदेश शासन लिखे वाहन भी जाम में फंसे नजर आ रहे थे।

No comments: