कोरोना संकट के चलते शिक्षकों को सामाजिक जिम्मेदारी एवं चेतना के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने दिया निर्देश
कोरोना संकट के चलते शिक्षकों को सामाजिक जिम्मेदारी एवं चेतना के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने दिया निर्देश
*राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह ने शिक्षकों से किया सीधा संवाद*
मंडी धनौरा, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री माननीय ओमपाल जी ने शिक्षकों से ऑनलाइन संवाद स्थापित करते हुए कोविड-19 महामारी में अपने अपने अनुभवों को साझा करने के लिए कहा जिसमें सभी जनपदों के पदाधिकारियों ने अपने-अपने अनुभवों को व्यक्त किया।
ओमपाल सिंह जी ने वैश्विक महामारी कोरोना के संबंध में समाज में जन सहयोग की बात कही। इस कठिन समय मे सामाजिक कार्य के अंतर्गत अपने आसपास के गरीब, वृद्ध, असहाय व श्रमिक अतिथियों की सहायता करने को कहा। श्री सिंह ने अवगत कराया कि संगठन की स्थापना के 25 वें वर्ष प्रवेश के उपलक्ष में इस वर्ष राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में रजत जयंती वर्ष मनाया जाएगा। इस उपलक्ष में 12 नवंबर से 25 दिसम्बर के मध्य शैक्षिक रथ यात्रा का शुभारंभ वाराणसी से होगा। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षण, तात्कालिक व्यवस्था के रूप में सहयोगी तो हो सकता है पर कक्षा शिक्षण की जगह नहीं ले सकता।
तत्पश्चात राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उ प्र के प्रदेश महामंत्री माननीय भगवती सिंह जी ने जनपद में संगठन विस्तार की चर्चा की। सदस्यता अभियान चलाकर सदस्यता बढ़ाने पर जोर दिया गया। साथ ही संगठन का स्वरूप, संवर्ग तथा कार्य व जिम्मेदारी को तय करने की रूपरेखा को बताया।
इस बैठक में जनपद मुरादाबाद के जिला अध्यक्ष शांति भूषण वर्मा ने खंड शिक्षा अधिकारी पद पर प्रमोशन में अध्यापकों के कोटे की बहाली और पुरानी पेंशन को बहाल करने से संबंधित मुद्दे प्रदेश महामंत्री जी के सामने रखें जिसका अन्य पदाधिकारियों ने भी समर्थन किया ।
मंडलीय प्रभारी श्री हरिओम शर्मा ने तमाम पदाधिकारियों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस बैठक में उपस्थित रहने पर आभार व्यक्त किया । इसके पश्चात श्री भगवती सिंह जी ने सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया मंत्र के साथ बैठक के समापन की घोषणा की। जिलाअध्यक्ष डॉ यतींद्र कटारिया विद्यालंकार ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बचाव में लोग डाउन एक प्रभावी कदम रहा जिसका सामाजिक प्रभाव व्यक्ति के आत्मनिर्भरता एक आत्म चिंतन व सामाजिक जिम्मेदारी के निर्वहन के रूप में भी देखने को मिला,
बैठक में अजय पाल सिंह, अकरम हुसैन अंसारी एवं अंजली ,विकास बंगा , उज्ज्वल सिंह, दिग्विजय सिंह , पंकज विश्नोई, सुबोध गुप्ता अतुल शर्मा, रामबहादुर सिंह विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित रहे।
*राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह ने शिक्षकों से किया सीधा संवाद*
मंडी धनौरा, अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री माननीय ओमपाल जी ने शिक्षकों से ऑनलाइन संवाद स्थापित करते हुए कोविड-19 महामारी में अपने अपने अनुभवों को साझा करने के लिए कहा जिसमें सभी जनपदों के पदाधिकारियों ने अपने-अपने अनुभवों को व्यक्त किया।
ओमपाल सिंह जी ने वैश्विक महामारी कोरोना के संबंध में समाज में जन सहयोग की बात कही। इस कठिन समय मे सामाजिक कार्य के अंतर्गत अपने आसपास के गरीब, वृद्ध, असहाय व श्रमिक अतिथियों की सहायता करने को कहा। श्री सिंह ने अवगत कराया कि संगठन की स्थापना के 25 वें वर्ष प्रवेश के उपलक्ष में इस वर्ष राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में रजत जयंती वर्ष मनाया जाएगा। इस उपलक्ष में 12 नवंबर से 25 दिसम्बर के मध्य शैक्षिक रथ यात्रा का शुभारंभ वाराणसी से होगा। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षण, तात्कालिक व्यवस्था के रूप में सहयोगी तो हो सकता है पर कक्षा शिक्षण की जगह नहीं ले सकता।
तत्पश्चात राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उ प्र के प्रदेश महामंत्री माननीय भगवती सिंह जी ने जनपद में संगठन विस्तार की चर्चा की। सदस्यता अभियान चलाकर सदस्यता बढ़ाने पर जोर दिया गया। साथ ही संगठन का स्वरूप, संवर्ग तथा कार्य व जिम्मेदारी को तय करने की रूपरेखा को बताया।
इस बैठक में जनपद मुरादाबाद के जिला अध्यक्ष शांति भूषण वर्मा ने खंड शिक्षा अधिकारी पद पर प्रमोशन में अध्यापकों के कोटे की बहाली और पुरानी पेंशन को बहाल करने से संबंधित मुद्दे प्रदेश महामंत्री जी के सामने रखें जिसका अन्य पदाधिकारियों ने भी समर्थन किया ।
मंडलीय प्रभारी श्री हरिओम शर्मा ने तमाम पदाधिकारियों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस बैठक में उपस्थित रहने पर आभार व्यक्त किया । इसके पश्चात श्री भगवती सिंह जी ने सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया मंत्र के साथ बैठक के समापन की घोषणा की। जिलाअध्यक्ष डॉ यतींद्र कटारिया विद्यालंकार ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बचाव में लोग डाउन एक प्रभावी कदम रहा जिसका सामाजिक प्रभाव व्यक्ति के आत्मनिर्भरता एक आत्म चिंतन व सामाजिक जिम्मेदारी के निर्वहन के रूप में भी देखने को मिला,
बैठक में अजय पाल सिंह, अकरम हुसैन अंसारी एवं अंजली ,विकास बंगा , उज्ज्वल सिंह, दिग्विजय सिंह , पंकज विश्नोई, सुबोध गुप्ता अतुल शर्मा, रामबहादुर सिंह विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित रहे।
कोरोना संकट के चलते शिक्षकों को सामाजिक जिम्मेदारी एवं चेतना के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने दिया निर्देश
Reviewed by Hindustan News 18
on
June 02, 2020
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