अरे इस दूरबीन से तो बेहद करीब दिखते है आसमां के चांद तारे
अरे इस दूरबीन से तो बेहद करीब दिखते है आसमां के चांद तारे
मंडी धनौरा
लॉकडाउन में घर बैठना पडा तो रेलवे के एक प्रशिक्षु लोको पायलट आसिफ आसिफ कमाल ने मात्र नौ हजार रुपये में कमाल की टेलीस्कोप बना डाली ।
उसका दावा है कि इससे सौरमंडल के सभी ग्रह व चन्द्रमा आदि सतह बेहद स्पष्ट नजर आती है उसका दावा है कि 22लाख प्रकाश वर्ष दूर आकाशगंगा भी साफ नजर आती है ।
नगर के मोहल्ला गढी़ में रहने वाले आसिफ कमाल को शुरू से ही सौरमंडल को लेकर जिज्ञासा थी । कक्षा 10 मे आते ही आसिफ ने एक टेलीस्कोप अपने जेब खर्च की रकम से भना डाली ।हालांकि घर की आर्थिक परिस्थितियां विपरीत थी ।लेकिन आसिफ ने होसला नही खोया वह सौरमंडल के बारे मे और अधिक जानने के लिए लगा रहता है ।वर्ष 2019 में उसकी रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट के पद पर नौकरी लग गई । गाजियावाद मे प्रशिक्षण भी शुरू हो गया लेकिन कसी दौरान कोरोना को लेकर लाकडाउन लागू हो गया । आसिफ अपने घर आ गया लेकिन उसका वैज्ञानिक दिमाग चलता है
साथ ही आसिफ कमाल ने बताया कि आगे चलकर टेलीस्कोप से लैपटोप को कनेक्ट करना चाहता ह़ू उनका कहना है कि वह टेलीस्कोप से सीधे लैपटोप को कनेक्ट कर उससे प्राप्त इमेज को सीधे किसी भी संस्था को भेजा जा सकता है ताकि उसकी मौजूदा स्थिति पर काम किया जा सके वह ट्रेकिंग सिस्टम पर भी काम कर रहा है आसिफ का कहना है कि ट्रेकिंग सिस्टम के जरिए किसी भी तारे को व आकाशगंगा को लगातार ट्रैक किया जा सकता है कि कुछ तारे लगातार अपनी स्थिति बदलते रहते है
मंडी धनौरा
लॉकडाउन में घर बैठना पडा तो रेलवे के एक प्रशिक्षु लोको पायलट आसिफ आसिफ कमाल ने मात्र नौ हजार रुपये में कमाल की टेलीस्कोप बना डाली ।
उसका दावा है कि इससे सौरमंडल के सभी ग्रह व चन्द्रमा आदि सतह बेहद स्पष्ट नजर आती है उसका दावा है कि 22लाख प्रकाश वर्ष दूर आकाशगंगा भी साफ नजर आती है ।
नगर के मोहल्ला गढी़ में रहने वाले आसिफ कमाल को शुरू से ही सौरमंडल को लेकर जिज्ञासा थी । कक्षा 10 मे आते ही आसिफ ने एक टेलीस्कोप अपने जेब खर्च की रकम से भना डाली ।हालांकि घर की आर्थिक परिस्थितियां विपरीत थी ।लेकिन आसिफ ने होसला नही खोया वह सौरमंडल के बारे मे और अधिक जानने के लिए लगा रहता है ।वर्ष 2019 में उसकी रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट के पद पर नौकरी लग गई । गाजियावाद मे प्रशिक्षण भी शुरू हो गया लेकिन कसी दौरान कोरोना को लेकर लाकडाउन लागू हो गया । आसिफ अपने घर आ गया लेकिन उसका वैज्ञानिक दिमाग चलता है
साथ ही आसिफ कमाल ने बताया कि आगे चलकर टेलीस्कोप से लैपटोप को कनेक्ट करना चाहता ह़ू उनका कहना है कि वह टेलीस्कोप से सीधे लैपटोप को कनेक्ट कर उससे प्राप्त इमेज को सीधे किसी भी संस्था को भेजा जा सकता है ताकि उसकी मौजूदा स्थिति पर काम किया जा सके वह ट्रेकिंग सिस्टम पर भी काम कर रहा है आसिफ का कहना है कि ट्रेकिंग सिस्टम के जरिए किसी भी तारे को व आकाशगंगा को लगातार ट्रैक किया जा सकता है कि कुछ तारे लगातार अपनी स्थिति बदलते रहते है
अरे इस दूरबीन से तो बेहद करीब दिखते है आसमां के चांद तारे
Reviewed by Hindustan News 18
on
May 07, 2020
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