कोरोना लॉकडाउन की वजह से सबसे प्रदूषित 13 इलाको की जहरीली हवा भी हो गई साफ
कोरोना लॉकडाउन की वजह से सबसे प्रदूषित 13 इलाको की जहरीली हवा भी हो गई साफ
दिल्ली के 13 स्थानों को प्रदूषण हॉट स्पॉट की श्रेणी में रखा जाता है। मॉनसून को छोड़कर यहां पूरे साल वायु गुणवत्ता का स्तर खराब रहता है। लॉकडाउन ने इन जगहों की हवा को भी साफ कर दिया है। सीपीसीबी की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। प्रदूषण पर रोकथाम के लिए पिछले वर्ष 13 प्रदूषण हॉट स्पॉट की पहचान दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने की थी।
पिछले वर्ष अक्तूबर से लेकर इस वर्ष मार्च तक इन जगहों पर विशेष निगरानी रखी गई और अभियान चलाए गए। बावजूद इसके वायु गुणवत्ता में पर्याप्त सुधार नहीं हो पाया। लेकिन लॉकडाउन के चलते वाहनों का संचालन सीमित होने और फैक्टरियों और निर्माण कार्य बंद होने से प्रदूषण हॉट स्पाट की हवा भी साफ-सुथरी हो गई है।
आनंद विहार और विवेक विहार में भी स्वच्छ हुई हवा : आनंद विहार और विवेक विहार दिल्ली के सबसे प्रदूषित क्षेत्र है। सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक आनंद विहार निगरानी केंद्र में पीएम-2.5 के स्तर में 62 प्रतिशत, पीएम-10 के स्तर में 69 प्रतिशत और नाइट्रोजन आक्साइड के स्तर में 72 फीसदी की कमी आई है। वहीं विवेक विहार में नाइट्रोजन आक्साइड के प्रदूषण में 60 फीसदी तक की कमी आई है। इसी प्रकार द्वारका सेक्टर-8 में पीएम 2.5 के स्तर में 48 फीसदी, पीएम-10 में 61 फीसदी की कमी आई है।
आनंद विहार में यातायात के चलते और ओखला में उद्योगों के चलते प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहता है। अशोक विहार, बवाना, मुंडका, जहांगीरपुरी, नरेला, पंजाबी बाग, आरके पुरम, रोहिणी, वजीरपुर समेत 13 इलाकों को भी प्रदूषण के हॉट स्पाट में रखा जाता है।
कैसे निकाले नतीजे: हॉट स्पॉट क्षेत्रों में प्रदूषण का असर जानने के लिए सीपीसीबी ने लॉकडाऊन के पहले के दिनों यानी 16 मार्च से 21 की वायु गुणवत्ता की तुलना लॉकडाउन के बाद के दिनों यानी 25 मार्च से 15 अप्रैल तक की वायु गुणवत्ता के साथ की गई। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि दिल्ली के पीएम 2.5 के स्तर में 46 फीसदी और पीएम 10 के स्तर में 50 फीसदी तक की गिरावट आई है।
दिल्ली के 13 स्थानों को प्रदूषण हॉट स्पॉट की श्रेणी में रखा जाता है। मॉनसून को छोड़कर यहां पूरे साल वायु गुणवत्ता का स्तर खराब रहता है। लॉकडाउन ने इन जगहों की हवा को भी साफ कर दिया है। सीपीसीबी की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। प्रदूषण पर रोकथाम के लिए पिछले वर्ष 13 प्रदूषण हॉट स्पॉट की पहचान दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने की थी।
पिछले वर्ष अक्तूबर से लेकर इस वर्ष मार्च तक इन जगहों पर विशेष निगरानी रखी गई और अभियान चलाए गए। बावजूद इसके वायु गुणवत्ता में पर्याप्त सुधार नहीं हो पाया। लेकिन लॉकडाउन के चलते वाहनों का संचालन सीमित होने और फैक्टरियों और निर्माण कार्य बंद होने से प्रदूषण हॉट स्पाट की हवा भी साफ-सुथरी हो गई है।
आनंद विहार और विवेक विहार में भी स्वच्छ हुई हवा : आनंद विहार और विवेक विहार दिल्ली के सबसे प्रदूषित क्षेत्र है। सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक आनंद विहार निगरानी केंद्र में पीएम-2.5 के स्तर में 62 प्रतिशत, पीएम-10 के स्तर में 69 प्रतिशत और नाइट्रोजन आक्साइड के स्तर में 72 फीसदी की कमी आई है। वहीं विवेक विहार में नाइट्रोजन आक्साइड के प्रदूषण में 60 फीसदी तक की कमी आई है। इसी प्रकार द्वारका सेक्टर-8 में पीएम 2.5 के स्तर में 48 फीसदी, पीएम-10 में 61 फीसदी की कमी आई है।
आनंद विहार में यातायात के चलते और ओखला में उद्योगों के चलते प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहता है। अशोक विहार, बवाना, मुंडका, जहांगीरपुरी, नरेला, पंजाबी बाग, आरके पुरम, रोहिणी, वजीरपुर समेत 13 इलाकों को भी प्रदूषण के हॉट स्पाट में रखा जाता है।
कैसे निकाले नतीजे: हॉट स्पॉट क्षेत्रों में प्रदूषण का असर जानने के लिए सीपीसीबी ने लॉकडाऊन के पहले के दिनों यानी 16 मार्च से 21 की वायु गुणवत्ता की तुलना लॉकडाउन के बाद के दिनों यानी 25 मार्च से 15 अप्रैल तक की वायु गुणवत्ता के साथ की गई। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि दिल्ली के पीएम 2.5 के स्तर में 46 फीसदी और पीएम 10 के स्तर में 50 फीसदी तक की गिरावट आई है।
कोरोना लॉकडाउन की वजह से सबसे प्रदूषित 13 इलाको की जहरीली हवा भी हो गई साफ
Reviewed by Hindustan News 18
on
April 29, 2020
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