विकास दुबे का एक और 50हजार ईनामी साथी राम सिंह यादव गिरफ्तार
विकास दुबे का एक और 50हजार ईनामी साथी राम सिंह यादव गिरफ्तार
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का गुनहगार विकास दुबे के एक और साथी राम सिंह यादव को एसटीएफ ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। राम सिंह पर 50 हजार का ईनाम घोषित था। आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि राम सिंह यादव पुत्र छोटेलाल निवासी चौबेपुर को एसटीएफ टीम ने गिरफ्तार करने सफलता हासिल की है।
पांच मारे गए, 17 को जेल
कानपुर मेंं इस हत्याकांड के बाद जिले और प्रदेश स्तर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने घटना को गम्भीरता से लेते हुए आरोपितों को पकड़ने की रणनीति तैयार की। एसटीएफ मुख्यालय से टीमें लगाई गईं तो कानपुर की ज्यादातर पुलिस सिर्फ इसी मामले के आरोपितों को खोजने में लगा दी गई। 3 जुलाई की सुबह ही बिकरू के पास कांशीराम निवादा में दो आरोपितों को मुठभेड़ में मार गिराया। इसके बाद एक-एक कर विकास समेत उसके पांच गुर्गे मुठभेड़ में ढेर हो गए और 17 लोगों को अब तक जेल भेजा जा चुका है।
जांचें शुरू हुईं
पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर ऑपरेशन शुरू किया तो राजनीतिक पार्टियों समेत कई संगठनों ने एनकाउंटर पर सवाल उठाए। शासन की तरफ से इसकी जांच के लिए अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया। एडीजी प्रशासन हरीराम शर्मा और डीआईजी रविन्द्र गौड़ इसके सदस्य हैं। शासन की तरफ से ही न्यायिक जांच आयोग का गठन हुआ और रिटायर जज एसके अग्रवाल के नेतृत्व में जांच शुरू हुई। बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने एक न्यायिक जांच आयोग का गठन कर दिया। सभी जांचें चल रही हैं। 30 अगस्त को एसआईटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। वहीं न्यायिक जांच आयोग को तीन माह का समय दिया गया है।
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का गुनहगार विकास दुबे के एक और साथी राम सिंह यादव को एसटीएफ ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। राम सिंह पर 50 हजार का ईनाम घोषित था। आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि राम सिंह यादव पुत्र छोटेलाल निवासी चौबेपुर को एसटीएफ टीम ने गिरफ्तार करने सफलता हासिल की है।
पांच मारे गए, 17 को जेल
कानपुर मेंं इस हत्याकांड के बाद जिले और प्रदेश स्तर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने घटना को गम्भीरता से लेते हुए आरोपितों को पकड़ने की रणनीति तैयार की। एसटीएफ मुख्यालय से टीमें लगाई गईं तो कानपुर की ज्यादातर पुलिस सिर्फ इसी मामले के आरोपितों को खोजने में लगा दी गई। 3 जुलाई की सुबह ही बिकरू के पास कांशीराम निवादा में दो आरोपितों को मुठभेड़ में मार गिराया। इसके बाद एक-एक कर विकास समेत उसके पांच गुर्गे मुठभेड़ में ढेर हो गए और 17 लोगों को अब तक जेल भेजा जा चुका है।
जांचें शुरू हुईं
पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर ऑपरेशन शुरू किया तो राजनीतिक पार्टियों समेत कई संगठनों ने एनकाउंटर पर सवाल उठाए। शासन की तरफ से इसकी जांच के लिए अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया। एडीजी प्रशासन हरीराम शर्मा और डीआईजी रविन्द्र गौड़ इसके सदस्य हैं। शासन की तरफ से ही न्यायिक जांच आयोग का गठन हुआ और रिटायर जज एसके अग्रवाल के नेतृत्व में जांच शुरू हुई। बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने एक न्यायिक जांच आयोग का गठन कर दिया। सभी जांचें चल रही हैं। 30 अगस्त को एसआईटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। वहीं न्यायिक जांच आयोग को तीन माह का समय दिया गया है।
विकास दुबे का एक और 50हजार ईनामी साथी राम सिंह यादव गिरफ्तार
Reviewed by Hindustan News 18
on
August 02, 2020
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